Tuesday, July 10, 2007

मेरा चित्र

अमल धवल गिरि के शिखरों पर .......... ...... ...... बादल को घिरते देखा है

this is the site of Gulmarg (KASHMIR) while tracking to touch the snow with two other people NARAYAN JI AND ADARSH SHUKLA (11 November 2006)

4 comments:

Unknown said...
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Unknown said...

It would better if you write something about you in Sanskrit,especially about your research. It's a good effort, keep it up.

दिवाकर मणि said...

अच्छी तस्वीर है.......

Mamta Tripathi said...

बहुशोभनम्!
उत्साहवर्धक बात लिखि है आपने। इससे लेखन के प्रति विद्यार्थियों की रुचि मे अभिवृद्धि होगी। यह एक कटु वास्तविकता है कि संस्कृत-लेखन को प्रोत्साहित करने के लिये आज कोई विशेष व्यवस्था नही है। तथा यह भि सच है कि संस्कृत-लेखन मात्र कुच लोगों की बपौती बनकर रह गयी है, जिनए वर्चस्व के आगे नवलेखन सरलता से टिक नही पाता । इस क्षेत्र मे प्रोत्साहन की बहुत आवश्यकता है।
एतदर्थ साधुवाद स्वीकार करें ।