Thursday, June 4, 2015

शिखरिणी छन्द हिन्दी में

लक्षण । ऽ ऽ ऽ ऽ ऽ , । । । । । ऽ ऽ । । । ऽ

तुम्हें कैसे बोलें, कब तक कहेंगे न इसको,
--- तुम्हारी बातें हैं, तुम बिन कहें भी तो किसको ।
तुम्हें देखा जैसे, मुझ पर हुआ ये असर है,
--- तुम्हारी मुस्कानें, हर जगह पाऊँ बिखरती ॥

{{स्पष्टीकरण - १ - हिन्दी में म्ह स्वयं में एक ध्वनि है न कि संयुक्त वर्ण, यद्यपि संयुक्त के रूप में लिखा जाता है । २ - हिन्दी में ए और ओ को ह्रस्व तथा दीर्घ दोनों प्रकार से उच्चारित किया जाता है । दूसरे चरण में आने वाला ‘तो’ शब्द ह्रस्व रूप में पढ़ा जाए ।}}