२१ जनवरी २००८ से ३० जनवरी २००८ तक के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में अन्तःसंस्थान क्रिकेट प्रतियोगिता आयोजित हो रही है । तीन समूहों में सभी संस्थानों और केन्द्रों की १० टीमों को बाँटा गया है । हमारे समूह में तीन टीमें हैं- पर्यावरण विज्ञान संस्थान, हमारा विशिष्ट संस्कृत अध्ययन केन्द्र और कला एवं सौन्दर्यशास्त्र संस्थान । कल पूर्वाह्न में पर्यावरण विज्ञान संस्थान से हुए मैच में हमारी टीम हार गई थी परन्तु आज कला एवं सौन्दर्यशास्त्र संस्थान पर हमने सात विकेट से जीत दर्ज करके पहली जीत पाई है । हमारे केन्द्र की ओर से जीतने वाली टीम का सदस्य और जीत का सहभागी होने की खुशी है ।
मैन ऑफ़ द मैच का स्थान एम ए प्रथम वर्ष के छात्र रजनीश कुमार पाण्डेय को मिला । उन्होंने २३ गेंदों पर सात चौके लगाकर ३७ रन बनाए और अविजित रहे । नीरज ने १६ (अविजित), महेन्द्र ने १४, वेद प्रकाश जी ने ४ और बलदेव ने ० रन बनाए । जीत के समय दसवाँ ओवर चल रहा था और छः ओवर बाकी थे । गेंदबाजी में महेन्द्र ने २ विकेट लिए और उनकी गेंद पर २ रन आउट हुए । पूरन ने २ विकेट लिए । बाकी चार विकेट नीरज और बलदेव ने लिए (हालाँकि यह विवरण ठीक से याद नहीं) । आलोक को यद्यपि कोई विकेट नहीं मिला परन्तु अच्छी गेंदबाजी करते हुए उन्होंने तीन ओवर में मात्र बारह रन दिए । पिछले वर्ष इन्हीं आलोक ने तीन ओवर में ही सोलह रन देकर तीन विकेट भी लिए थे ।
हमारे विशिष्ट संस्कृत अध्ययन केन्द्र की स्थापना सन् २००० में हुई । इस साल से पहले चार टूर्नामेण्ट हमारी टीम खेली है । उनमें हमें किसी में भी जीत नहीं मिल पाई थी । एम ए का पहला बैच २००३ में आया और २००३-४ के टूर्नामेण्ट में हमारी टीम पहली बार खेली थी । उसके अगले वर्ष २००४-५ में (जो हमारे बैच का पहला सत्र था) इस केन्द्र की टीम ने भाषा संस्थान (एस एल) से ड्रॉ खेला था । यही अब तक का सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड था । उस बार हमारी टीम ने १३४ रन बनाए थे । इस जीत को दर्ज करके हमारे जीतने की शुरुआत हुई है । यद्यपि सेमीफाइनल में हम नहीं पहुँच पाए हैं पर आगे यह जीत का सिलसिला जारी रखने के लिए आप सभी की शुभकामनाएँ हमारे साथ हैं ।
4 comments:
......आखिरकार हम जीत ही गये !
जीत का ये जो सफर आपलोगों ने प्रारंभ किया है, वो अग्रिम वर्ष अपने शिखर पर होगा, ऐसा मेरा विश्वास है, और इस हेतु कोटिशः हार्दिक शुभकामनाएँ........
वाकई यह जीत काबिले तारीफ है. इतने लोगों का नाम लिया, जरा कंजूसी से हीं सही अपने कोच का भी नामोल्लेख कर देते. हा हा हा......
Thank you.
Very good Think code by you sir & Thus you continue to comments on several topics of center. Thanks
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